Pegasus spyware kya hai : आज के इस लेख में दुनिया के सबसे पॉवरफुल स्पाइवेयर “पेगासस स्पाइवेयर” के बारे में जानेंगे की आखिर पेगासस स्पाइवेयर क्या है और यह कैसे काम करता है इन सभी के बारे में विस्तार से जानेंगे तो देर किस बात की आइये जानते हैं Pegasus spyware के बारे में

Pegasus spyware : पेगासस स्पाइवेयर क्या है, जानिए इस खतरनाक स्पाइवेयर के बारे में

पेगासस स्पाइवेयर क्या है?

पेगासस इजरायली साइबर इंटेलिजेंस फर्म NSO द्वारा बनाया गया एक स्पाइवेयर प्रोग्राम है जिसे आईओएस और एंड्रॉइड फ़ोन, कंप्यूटर इत्यादि में इंस्टाल करके आपकी सहमति के बिना किसी तृतीय-पक्ष को डाटा भेजने के लिए डिज़ाइन किया गया है। सरल शब्दों में कहें तो यह हाई प्रोफाइल लोगों की जासुसी करने के लिए तैयार किया गया स्पाईवेयर है जो वर्तमान में दुनिया के सबसे खतरनाक स्पाइवेयर में से एक है

प्रोजेक्ट पेगासस 2021 के खुलासे के अनुसार, मौजूदा पेगासस सॉफ्टवेयर को आईओएस 14.6 तक के सभी आईओएस संस्करणों में भी आसानी से चोरी छिपे इनस्टॉल करके जासुसी किया जा सकता है। 2016 तक, पेगासस टेक्स्ट मैसेज पढ़ने, कॉल मैनेज करने, पासवर्ड इकट्ठा करने, लोकेशन पता करने, टारगेट डिवाइस के माइक्रोफोन और कैमरा तक पहुंचने और ऐप्स से जानकारी हासिल करने में सक्षम था।

पेगासस स्पाइवेयर के बारे में सर्वप्रथम संयुक्त अरब अमीरात के मानवाधिकार कार्यकर्ता अहमद मंसूर के आईफोन में स्पीयर-फिशिंग के दौरान पता चला था।

पेगासस स्पाइवेयर का संक्षिप्त इतिहास

  1. पेगासस को पहली बार 2016 में कनाडाई साइबर सुरक्षा संगठन द सिटीजन लैब के शोधकर्ताओं द्वारा मानवाधिकार प्रचारक अहमद मंसूर के स्मार्टफोन पर खोजा गया था।
  2. सितंबर 2018 में सिटीजन लैब द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, 45 देशों में पेगासस का उपयोग किया गया था। भारत को सूची में चित्रित किया गया था, जैसा कि सबसे हालिया खुलासे के मामले में था।
  3. इस साल अक्टूबर में, व्हाट्सएप ने बताया कि भारतीय पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया गया था।

पेगासस स्पाइवेयर कैसे काम करता है

पेगासस स्पाइवेयर कई तरह से काम करता है यह आपके डिवाइस में किसी लिंक पर क्लिक करने से, नेटवर्क इंजेक्शन के माध्यम से, पहले से फ़ोन में इंस्टाल किये गए एप्स से जुड़कर विक्टिम से फोन तक पहुंचता है। सबसे सामान्य तरीका विशेष रूप से तैयार एसएमएस या iMessage विक्टीम को भेजता है। यदि इस लिंक पर क्लिक करते हैं तो आपको खतरनाक मैलवेयर मिलेगा जो किसी भी डिवाइस को संक्रमित देता है।

वहीँ दूसरी ओर पेगासस पिछले आधे दशक में सोशल इंजीनियरिंग पर आधारित एक प्राथमिक प्रणाली से सॉफ्टवेयर तक विकसित हुआ है जो विक्टिम के बिना लिंक खोले फोन तक पहुंच सकता है और विक्टिम के डाटा को तक भेज सकता है या साइबर वर्ल्ड की भाषा में कहें, तो यह ज़ीरो-क्लिक एक्सप्लॉइट करने में सक्षम है।।

Pegasus spyware आपके फ़ोन में क्या कर सकता है?

एक बार फोन में इंस्टाल हो जाने के बाद पेगासस लक्षित व्यक्ति की पूरी तरह और व्यापक रूप से जासूसी कर सकता है। व्हाट्सएप के माध्यम से भेजी जाने वाली एन्क्रिप्टेड चैट को भी एक्सेस कर सकता है । सुरक्षा शोधकर्ताओं के अनुसार, पेगासस संदेशों को पढ़ सकता है, कॉल मैनेज कर सकता है, ऐप्स के भीतर उपयोगकर्ता क्या कर रहा है, आपके लोकेशन को देख सकता है, फोन में वीडियो कैमरा एक्सेस कर सकता है और अपने माइक्रोफ़ोन के माध्यम से सुन सकता है, कुल मिलाकर वह आपके डिवाइस को पूरी तरह से कण्ट्रोल कर सकता है ।

क्या आपका फोन पेगासस स्पाइवेयर की चपेट में आ सकता है?

पेगासस स्पाइवेयर बनाने वाली कंपनी एनएसओ का दावा है कि यह विशेष रूप से योग्य सरकारी संगठनों को ही वितरित करता है और इसका लक्ष्य “आतंकवाद और आपराधिकता का मुकाबला करना” है। मौजूदा आरोपों के जवाब में एनएसओ ने भी ऐसे ही दावे किए हैं पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल हाई प्रोफाइल लोगों की जासुसी के लिए इस्तेमाल किय जाता है, इसे बनाने वाली कंपनी के अनुसार इसे हर कोई नही खरीद सकता है,

अगर आप एक सामान्य नागरिक है तो पेगासस स्पाइवेयर से डरने की बात नही है, आपका फ़ोन इसके चपेट में आये ऐसा बहुत कम चांसेस है लेकिन फिर भी आपको हमेशा सावधान रहना चाहिए

Pegasus spyware की कीमत क्या है?

इज़राइली कंपनी एनएसओ ग्रुप अपने पेगासस सॉफ्टवेर या स्पाईवेयर के उपयोग के लिए सरकारों से भारी भरकम शुल्क लेती है। 2016 में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार

पेगासस को इनस्टॉल करने के लिए एनएसओ $500,000 (लगभग 3.7 करोड़ रुपये) का एकमुश्त मूल्य लेता है। शोध के अनुसार, 10 आईफोन की जासूसी करने में 650,000 डॉलर (4.8 करोड़ रुपये), 10 एंड्रॉइड उपयोगकर्ताओं के लिए 650,000 डॉलर (4.8 करोड़ रुपये), ब्लैकबेरी के पांच उपयोगकर्ताओं के लिए 500,000 डॉलर और पांच सिम्बियन उपयोगकर्ताओं के लिए 300,000 डॉलर खर्च होते हैं।

इन सभी के अलावा NSO Group हर साल कुल कीमत का 17 प्रतिशत वार्षिक प्रणाली रखरखाव शुल्क भी लेता है। source – moneycontrol

आज हमने पेगासस स्पाइवेयर क्या है और इससे संबधित कई सारी चीजों के बारे में जाना। उम्मीद है इस आर्टिकल को पढने के बाद आप पेगासस सॉफ्टवेर के बारे में काफी कुछ सीखने को मिला होगा। इस आर्टिकल से संबंधित कोई भी सवाल हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में जरुर बताये।

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