शालिग्राम एक विशेष तरह का पत्थर है जो नेपाल के मुक्तिनाथ क्षेत्र के निकट गंडकी नदी में पाया जाता है। लोग इसे भगवान विष्णु का प्रतीक मानते हैं। हिन्दू धर्म में ऐसा माना जाता है की इसे अपने घर में रखने और पूजा करने से पूजा करने से अच्छा जीवन, लंबी आयु, अच्छा स्वास्थ्य और हर काम में सफलता मिलती है। कई लोग शालिग्राम पत्थर को खरीदते हैं ऐसे में उनके मन में सवाल आता है असली शालिग्राम की पहचान कैसे करें?

इस लेख में हमने शालिग्राम असली है या नकली कैसे पता करते हैं इसके बारे में बताया है, अगर आप भी अपने घर में लाना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए उपयोगी हो सकता है।

असली शालिग्राम की पहचान कैसे करें?

शालिग्राम शिला असली है या नहीं, यह जानने में आपकी मदद के लिए यहां 05+ तरीके बताये गए हैं:

  1. सोने को रगड़ कर: अगर आप शालिग्राम पत्थर में सोने को रगड़ते हैं तो सोना उसमें चला जाता है, जिसे किसी भी चीज से साफ़ करने से सोना नही निकलता है। सामान्य पत्थर में सोने को रगड़ कर साफ़ करेंगे तो पत्थर साफ़ हो जाता है।
  2. रंग: शालिग्राम पत्थर गहरे काले रंग का होता है और इसमें चमक नही होती है। आमतौर पर जो नकली शालिग्राम होते हैं उनमें चमक अधिक होती है।
  3. वजन और मजबूत: ये आमतौर पर वजनदार और मजबूत होते हैं जो आसानी से नही टूटते हैं।
  4. पैटर्न: इस पत्थर के अंदर आपको एक पैटर्न देखने को मिलेगा जो नेचुरल होता है जिसे देखकर पता लगाया जा सकते हैं। इसे आप गर्म पानी में डालकर उसे रगड़ कर भी चेक कर सकते हैं, अगर रगड़ने से किसी तरह का कोई पदार्थ निकलता है वह नकली होता है।
  5. उत्पत्ति: असली शालिग्राम सिर्फ नेपाल के गंडकी नदी में ही पाया जाता है। नेपाल के मुस्तांग जिले में मुक्तिनाथ में असली शालिग्राम बेचा जाता है।
  6. विशेषज्ञ की राय: यदि आप निश्चित नहीं हैं कि शालिग्राम असली है या नहीं तो किसी पुजारी जैसे विशेषज्ञ या उनके बारे में किसी जानकार से पूछना सबसे अच्छा है। वे देखकर आपको बता देंगे की असली है या नकली।

असली शालिग्राम को पहचानने का सबसे आसान तरीका है सोना को रगड़ कर देखना, इस तरीके से आप आसानी से पता लगा सकते हैं की पत्थर असली है या नकली। इसके अलावा अन्य तरीको को भी ट्राय कर सकते हैं।

शालिग्राम की पूजा विधि यहाँ देखें

आप नीचे बताये गए स्टेप्स को फॉलो करते हुए शालिग्राम भगवान की पूजा कर सकते हैं:

  1. पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में बैठें: सबसे पहले नहा धो कर आप पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठ सकें।
  2. पत्थर में गंगा जल डालें: शालिग्राम शिला को शंख का उपयोग की मदद से पवित्र जल को अर्पित करें।
  3. पत्तों पर रखें: एक थाली में पीपल के पत्तों पर शालिग्राम शिला रखें। इसे साफ, लाल या सफेद कपड़े से ढक दें।
  4. अगरबत्ती या दिया जलाएं: पूजा के लिए अगरबत्ती और एक दीपक जलाएं।
  5. चंदन का लेप लगाएं: इसके बाद धीरे से चंदन का लगाएं।
  6. तुलसी की पत्तियों को अर्पित करें: अब तुलसी की पत्तियां रखें। अगर आपके पास तुलसी के पत्ते नहीं हैं तो आप उनके स्थान पर तुलसी की माला भी रख सकते हैं।
  7. दिया या अगरबत्ती को घुमाएँ :शिला के सामने जलते हुए दिया याअगरबत्ती को को घड़ी की सुई की दिशा में घुमाएं।
  8. मंत्र जप करें: “हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे” मंत्र का नौ बार जाप करें।
  9. प्रसाद चढ़ाएं: अब आपको दूध, फल या मिठाई का प्रसाद चढ़ाएं।
  10. दान करें: कुछ पैसे चढ़ाएं और फिर पूजा का सारा सामान किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दान कर दें।

इस लेख में हमने असली शालिग्राम की पहचान कैसे करते हैं इसके बारे में जाना, उम्मीद है यह लेख आपके उपयोगी रहा होगा, इस आर्टिकल से सम्बंधित कोई भी सवाल हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में अवश्य पूछें।