इस लेख में हम नाम और डेट ऑफ बर्थ से कुंडली मिलान कैसे कर सकते हैं, इसके बारे में जानेंगे, अगर आप लड़का और लड़की का जन्म तिथि के आधार पर विवाह के लिए कुंडली मिलान करना चाहते है तो यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा।

विवाह से पहले लड़का और लड़की का कुंडली मिलवाना बहुत जरूरी है क्योंकि कुंडली से पता चल जाता है की उनका वैवाहिक जीवन कैसे चलेगा। यदि लड़का और लड़की का कुंडली नही मिल रहा है या कोई दोष है तो उन्हें पंडित से मिलना चाहिए और उसके निवारण के बारे में बात करना चाहिए।

नाम और डेट ऑफ बर्थ से कुंडली मिलान कैसे करें, जानिए सरल तरीका

कुंडली मिलान क्या है?

कुंडली मिलान एक हिंदू परंपरा है जो विवाह से पहले वर और वधू का कुंडली मिलाया जाता है ताकि शादी होने के बाद कोई परेशानी न हो और वैवाहिक जीवन अच्छे से चल सके। शादी के लिए लड़कों और लड़कियों के पसंद के अलावा दोनो का कुंडली भी मिलना चाहिए क्योंकि यदि कुंडली नहीं मिले रहे है तो वैवाहिक जीवन में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है इसलिए विवाह से पहले कुंडली मिलाना बहुत जरूरी है।

नाम और डेट ऑफ बर्थ से कुंडली मिलान कैसे करें ऑनलाइन

ऑनलाइन कई सारे वेबसाइट हैं जिनके मदद से नाम और जन्म तिथि से कुंडली मिला सकते हैं, आप नीचे बताये गए स्टेप्स को फॉलो करते हुए कुंडली मिला सकते हैं:

  1. सबसे पहले अपने मोबाइल में ब्राउजर ओपन करे और www.mpanchang.com टाइप करके सर्च करे।
  2. इसके बाद एक नया पेज ओपन होगा।
  3. उसमे आपको Kundali Matching का ऑप्शन बाए साइड मिलेगा उस पर क्लिक करे।
  4. इसके बाद आप अपना Name, Date of birth, Birth Time, Birth City टाइप करे।
  5. इसके बाद जिसके साथ विवाह होने वाला/ वाली है उसका Name, Date of Birth, Birth Time, Birth City टाइप करे।
  6. इसके बाद आप हिंदी में अपना कुंडली देखना चाहते है तो हिंदी में टिक करे और इंग्लिश में देखना चाहते है तो आप English में टिक करे।
  7. इसके बाद Match Kundli पर क्लिक करे।
  8. क्लिक करते ही आपके स्क्रीन में आपका कुंडली दिखाई देने लगेगा।

इस तरह से आप अपना आसानी से ऑनलाइन कुंडली मिलान कर सकते है।

नाम से कुंडली कैसे मिलाए?

नाम से कुंडली मिलने के लिए निम्न स्टेप को फॉलो करें:

  1. सबसे पहले अपने कंप्यूटर या मोबाइल में ब्राउजर ओपन करे और astrorashifal.com टाइप करके सर्च करे।
  2. इसके बाद इसका होम पेज ओपन हो जायेगा।
  3. इसके बाद आप होम पेज में ऊपर Kundli पर क्लिक करे।
  4. इसके बाद नाम से कुंडली मिलान पर क्लिक करे।
  5. इसके बाद एक पेज ओपन होगा उसमे दो ऑप्शन मिलेगा, पहला में आप अपना नाम टाइप करे और दूसरा में जिससे शादी होने वाला है उसका नाम टाइप करे और Result पर क्लिक करे।
  6. क्लिक करते ही कुंडली आपके स्क्रीन में दिखाई देगा।

इस प्रकार से आप नाम से कुंडली मिला सकते है।

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कुंडली के आठ गुण के बारे में

भारत में लोग जन्म कुंडली का उपयोग करते हैं, जिसे शुरुआती चार्ट या नेटाल चार्ट भी कहा जाता है। इसका उपयोग भारत में कुंडली मिलान के लिए किया जाता है। जब आप गुण मिलान करते हैं तो आप देखते हैं कि दूल्हा और दुल्हन के जन्म कुंडली में चंद्रमा कहां है।

इससे आपको यह पता लगाने में मदद मिलती है कि भविष्य में क्या होगा। भारत के उत्तर में, गुण मिलान करने का एक तरीका है जिसे “अष्टकूट मिलन” कहा जाता है, जिसका अर्थ है “गुण के आठ विकल्प।” शब्द “अष्ट” का अर्थ है “आठ” और “कूट” का अर्थ है “पक्ष”, इसलिए आठ पक्ष हैं। जिसके बारे में नीचे विस्तार से दिया गया है –

वर्ण/वारण/जाति: यह लड़का और लड़की के अहंकार को प्रकट करता है। मतलब की लड़का या लड़की एक दूसरे से कितना गुस्सा होंगे। यह चार भागों में विभाजित है, जैसे ब्राह्मण (उच्चतम), क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र (निम्नतम)।

वस्या / वाश्य: यह आपसी आकर्षण को दर्शाता है। शादीशुदा जोड़ों के बीच कितना प्यार है इसको प्रदर्शित करता है। एक व्यक्ति को 5 प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है, विशेष रूप से मानव / नारा (मानव), वरचर (शेर के समान जंगली जानवर), चतुष्पाद (हिरण के समान छोटे जानवर), जलचर (समुद्री जानवर), कीता / कीट (कीड़े)।

तारा/दीना: यह संगतता और भविष्य से संबंधित है। आकाश में 27 तारे हैं जो आपकी (नक्षत्र) मदद कर सकते हैं।

योनि: यह देखता है कि युगल कितने करीब हैं, वे यौन रूप से कितने अनुकूल हैं और वे एक-दूसरे से कितना प्यार करते हैं। योनी कूट को 14 जानवरों में वर्गीकृत किया गया है जो निम्न है – घोड़े, हाथी, भेड़, सांप, कुत्ते, बिल्ली, चूहा, गाय, भैंस, बाघ, हरे/हिरण, बंदर, शेर, नेवले हो सकते हैं।

ग्रह मैत्री / रस्यादिपति: यह मनोवैज्ञानिक अनुकूलता, स्नेह और शुद्ध मित्रता को प्रकट करता है। इसके अलावा यह जोड़ों के बीच चंद्र राशि की अनुकूलता का प्रतिनिधित्व करता है।

गण: इसका संबंध इस बात से है कि आप कैसे कार्य करते हैं और आप कैसा महसूस करते हैं। इसे तीन प्रकार के श्रेणियों में विभाजित किया गया है – देव (भगवान), मानव (मानव), और राक्षस (राक्षस) (दानव, तमो गुण का संकेत)।

राशि या भकूट: इसका संबंध इस बात से है कि वे भावनात्मक रूप से कितनी अच्छी तरह से रहते हैं और वे एक-दूसरे से कितना प्यार करते हैं। लड़के की जन्म कुंडली में ग्रहों का स्थान स्त्री की जन्म कुंडली से भिन्न होता है। यदि कन्या राशि से लड़के का चंद्रमा दूसरे, तीसरे, चौथे, पांचवें, छठे भाव में स्थित हो तो यह अशुभ माना जाता है, जबकि सप्तम और बारहवें भाव को शुभ माना जाता है। स्त्री के मामले में यदि जन्म कुंडली चंद्रमा पुरुष कुंडली से दूसरे, तीसरे, चौथे, पांचवें और छठे गुणों में स्थित है तो यह पुरुष कुंडली से 12 वें स्थान पर होने पर शुभ और अशुभ प्रतीत होता है।

नाडी: इसका संबंध इस बात से है कि आपने जीवन साथी के साथ कैसे जीवन यापन होगा। तारे (नक्षत्र) को तीन भागों में बांटा गया है- आदि (वात) नाड़ी, मध्य (पित्त) नाडी/ अंत्य।

KootaMost Components
Varna1
Vasya/Vashya2
Tara/Dina3
Yoni4
Grah Maitri/Rasyadipati5
Gana6
Rashi or Bhakoota7
Nadi8
Full36

सवाल जवाब

विवाह में नाड़ी दोष क्या है?

कुंडली मिलन में नाड़ी दोष तब होता है जब दो व्यक्तियों में से प्रत्येक की नाड़ी समान होती है। जब नाड़ी दोष मौजूद होता है तो इसका प्रभाव इसके साथ रहने वाले लोगों की भलाई पर पड़ सकता है। यह बांझपन और एक दुखद विवाह का कारण बन सकता है। हालांकि, अगर शादी से पहले नाड़ी दोष निवारण पूजा की जाती है, तो इस दोष को ठीक किया जा सकता है।

मांगलिक दोष कितने साल तक रहता है?

मांगलिक दोष 28 साल तक रहता है। इसके बाद अपने आप ही खत्म हो जाता है।

इस आर्टिकल में हमने नाम और जन्म तिथि से कुंडली मिलान कैसे किया जाता है, इसके बारे में जाना। उम्मीद है यह लेख आपके लिए उपयोगी रहा होगा। इस आर्टिकल से सम्बन्धित कोई भी सवाल हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में जरुर पूछे।