आज के इस लेख में माँ शैलपुत्री आरती हिंदी में दिया गया है जो माँ माँ शैलपुत्री की पूजा करने के दौरान इस आरती का गान कर सकते हैं।

पर्वतराज हिमालय की पुत्री माता शैलपुत्री है। ऐसा कहा जाता है कि वह पिछले जन्म में प्रजापति दक्ष की बेटी थी। उस समय उनका नाम सती था। नवरात्रि के पहले दिन मां को पूरे विधि विधान से पूजन करना चाहिए।

नवरात्रि प्रतिपदा के दिन कलश या घाट का निर्माण करें। फिर दुर्गा पूजा का व्रत करें। इसके बाद मां दुर्गा की उनके शैलपुत्री अवतार में पूजा करें। देवी मां की पूजा करते समय अपनी पीठ को घर के पूर्व या उत्तर की ओर रखें। माता को अक्षत, सिंदूर, धूप, इत्र, पुष्प आदि अर्पित करें। मां शैलपुत्री के मंत्रों का जाप करें। फिर कपूर या गाय के घी का प्रयोग कर दीपक जलाएं। शंख बजाकर घंटी बजाते हुए माता की आरती करनी चाहिए। मां को प्रसाद चढ़ाना चाहिए। रस्म पूरी होने पर घर में सभी को प्रसाद दें।

शैलपुत्री आरती : माँ शैलपुत्री की आरती हिंदी में

शैलपुत्री आरती

शैलपुत्री मां बैल पर सवार।
करें देवता जय जयकार।
शिव शंकर की प्रिय भवानी।
तेरी महिमा किसी ने ना जानी।।

पार्वती तू उमा कहलावे।
जो तुझे सिमरे सो सुख पावे।
ऋद्धि-सिद्धि परवान करे तू।
दया करे धनवान करे तू।।

सोमवार को शिव संग प्यारी।
आरती तेरी जिसने उतारी।
उसकी सगरी आस पुजा दो।
सगरे दुख तकलीफ मिला दो।।

घी का सुंदर दीप जला के।
गोला गरी का भोग लगा के।
श्रद्धा भाव से मंत्र गाएं।
प्रेम सहित फिर शीश झुकाएं।

जय गिरिराज किशोरी अंबे।
शिव मुख चंद्र चकोरी अंबे।।
मनोकामना पूर्ण कर दो।
भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो।